Dental root canal treatment | Root canal cost | Root canal pain | Root canal treatment cost
what is root canal
रूट कैनाल का खर्च 2017 2018 2019
३-४ िविजट मसाधारण RCT का खचRs3500/-
िसंगल िविजट RCT (RCT in 30 Minutes ) का खचRs 5500 /-
ाउन या कैप – Rs 1200/-
रूट कैनाल के घरेलू उपचार
रूट कैनाल के नुकसान
दांत दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाने पर मरीज को पता चलता है कि साधारण बातों का ध्यान रखकर व ब्रशिंग का सही तरीका अपनाकर कैसे दांतों को खोखला करने वाली कैविटी की समस्या व इसके रूट रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) से बचा जा सकता है। दांतों की सफाई में लापरवाही से जुड़ी यह परेशानी बचपन से बुढ़ापे तक किसी को भी हो सकती है।
इनेमल पर जमा भोजन करता जड़ को खोखला
दांतों की ऊपरी परत इनेमल पर भोजन का अंश चिपका रह जाता है और सही ब्रशिंग न होने से जमता व सड़ता जाता है। ध्यान न देने से यह संक्रमण दांतों की जड़़ों को खोखला कर व नसों पर दबाव डाल तेज दर्द का रूप ले लेता है।
गोली से भी दर्द नहीं मिटता
दांतों की बाहरी सतह पर कैविटी से कोई परेशानी नहीं होती लेकिन अंदर की जड़ तक पहुंचने के बाद भयंकर दर्द होता है। इस स्थिति में पेनकिलर दवाएं भी दर्द दूर नहीं कर पातीं। ठंडा, गर्म, मीठा और खट्टी चीजें इस दर्द को बढ़ाती हैं। सूजन के साथ पस की समस्या भी हो सकती है। गंभीर स्थिति में दांतों की हड्डियां भी गल सकती हैं।
बचाव:
दोनों टाइम ब्रश व कुल्ला करें
सुबह-शाम नियमित रूप से ब्रश करके दांतों पर गंदगी जमने की समस्या से बचा जा सकता है। दांतों पर चिपकने वाली व मीठी चीजें और भोजन के बाद कुल्ला भी करना चाहिए। दवाएं व बिस्किट खाने के बाद भी कुल्ला करें।
इलाज :
फिलिंग से रूट कैनाल तक
दांतों की बाहरी सतह की कैविटी के लिए फिलिंग की जाती है। इंफेक्शन होने पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाता है। जिसमें रोग के फैलाव के अनुसार एक या उससे ज्यादा बार सिटिंग दी जाती है। मोलर-प्री-मोलर (दाढ़) की कैविटी में इलाज के बाद कैप लगाई जाती है ताकि खाने से दांत को नुकसान न पहुंचे।
हिंदी में रूट कैनाल उपचार के बाद साइड इफेक्ट | रूट कैनाल के बाद दांत दर्द महीने |
ब्रशिंग टेक्नीक
मसूढ़ों पर ब्रश को ऊपर-नीचे व गोल घुमाएं। हर दांत पर इसे दोहराएं। दांतों की पीछे की तरफ दाढ़ पर सीधा ब्रश करें। बत्तीसी के बीच वाले ऊपर व नीचे को दांतों को साफ करने के लिए ब्रश के टिप को आगे-पीछे कर ब्रश करें। दांत साफ करने के बाद टंग क्लीनर से जीभ को साफ करना न भूलें। यह मुंंह में दुर्गंध व दांतों को सडऩे से रोकती है।
दांतों की ऊपरी परत इनेमल पर भोजन का अंश चिपका रह जाता है और सही ब्रशिंग न होने से जमता व सड़ता जाता है। ध्यान न देने से यह संक्रमण दांतों की जड़़ों को खोखला कर व नसों पर दबाव डाल तेज दर्द का रूप ले लेता है।
गोली से भी दर्द नहीं मिटता
दांतों की बाहरी सतह पर कैविटी से कोई परेशानी नहीं होती लेकिन अंदर की जड़ तक पहुंचने के बाद भयंकर दर्द होता है। इस स्थिति में पेनकिलर दवाएं भी दर्द दूर नहीं कर पातीं। ठंडा, गर्म, मीठा और खट्टी चीजें इस दर्द को बढ़ाती हैं। सूजन के साथ पस की समस्या भी हो सकती है। गंभीर स्थिति में दांतों की हड्डियां भी गल सकती हैं।
दोनों टाइम ब्रश व कुल्ला करें
सुबह-शाम नियमित रूप से ब्रश करके दांतों पर गंदगी जमने की समस्या से बचा जा सकता है। दांतों पर चिपकने वाली व मीठी चीजें और भोजन के बाद कुल्ला भी करना चाहिए। दवाएं व बिस्किट खाने के बाद भी कुल्ला करें।
इलाज :
फिलिंग से रूट कैनाल तक
दांतों की बाहरी सतह की कैविटी के लिए फिलिंग की जाती है। इंफेक्शन होने पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाता है। जिसमें रोग के फैलाव के अनुसार एक या उससे ज्यादा बार सिटिंग दी जाती है। मोलर-प्री-मोलर (दाढ़) की कैविटी में इलाज के बाद कैप लगाई जाती है ताकि खाने से दांत को नुकसान न पहुंचे।
हिंदी में रूट कैनाल उपचार के बाद साइड इफेक्ट | रूट कैनाल के बाद दांत दर्द महीने |
मसूढ़ों पर ब्रश को ऊपर-नीचे व गोल घुमाएं। हर दांत पर इसे दोहराएं। दांतों की पीछे की तरफ दाढ़ पर सीधा ब्रश करें। बत्तीसी के बीच वाले ऊपर व नीचे को दांतों को साफ करने के लिए ब्रश के टिप को आगे-पीछे कर ब्रश करें। दांत साफ करने के बाद टंग क्लीनर से जीभ को साफ करना न भूलें। यह मुंंह में दुर्गंध व दांतों को सडऩे से रोकती है।
रूट कैनाल के बाद दर्द | Root Canal Ke Bad Dard |
रूट कैनाल ट्रीटमेंट
स्टेप-१
दांत या आसपास के प्रभावित हिस्से को सुन्न करते हैं। दांत के क्राउन में ड्रिल से छेद कर या पहले से छेद को चौड़ा कर पल्प तक रास्ता बनाया जाता है।
स्टेप-2
स्पेशल एंडोडॉन्टिक फाइल से संक्रमित पल्प को बाहर निकालकर दांत को अंदर से साफ कर दिया जाता है ताकि फिलिंग की जा सके।
स्टेप-3
पल्प वाली जगह व ऊपरी खाली स्थान में फिलिंग करते हैं। इससे दांतों में संक्रमण व खाद्य पदार्थ जमने का खतरा कम हो जाता है।
स्टेप-१
दांत या आसपास के प्रभावित हिस्से को सुन्न करते हैं। दांत के क्राउन में ड्रिल से छेद कर या पहले से छेद को चौड़ा कर पल्प तक रास्ता बनाया जाता है।
स्पेशल एंडोडॉन्टिक फाइल से संक्रमित पल्प को बाहर निकालकर दांत को अंदर से साफ कर दिया जाता है ताकि फिलिंग की जा सके।
पल्प वाली जगह व ऊपरी खाली स्थान में फिलिंग करते हैं। इससे दांतों में संक्रमण व खाद्य पदार्थ जमने का खतरा कम हो जाता है।
La Ilaha Illallah Muhammadur Rasulullah Meaning In Hindi |
स्टेप-4
अंत में इस दांत पर क्राउन (कैप) लगा दिया जाता है जो दांत या अन्य मेटल के रंग का भी हो सकता है। इसे फिलिंग मैटीरियल से जोड़ दिया है।
ध्यान रखें
बचाव के तौर पर मीठी व चिपचिपी चीजों को खाने से परहेज करें। हर तीन माह में ब्रश बदलें और दिन में कम से कम दो
बार सही से ब्रश करें। छह माह में डेंटल चेकअप जरूरी है।
रूट कैनाल के बाद कैपिंग crown-after-root-canal-in-hindi
अंत में इस दांत पर क्राउन (कैप) लगा दिया जाता है जो दांत या अन्य मेटल के रंग का भी हो सकता है। इसे फिलिंग मैटीरियल से जोड़ दिया है।
बचाव के तौर पर मीठी व चिपचिपी चीजों को खाने से परहेज करें। हर तीन माह में ब्रश बदलें और दिन में कम से कम दो
बार सही से ब्रश करें। छह माह में डेंटल चेकअप जरूरी है।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट पूरा करने के बाद, आपके दांत को कैपिंग की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपके प्राकृतिक क्राउन को नुकसान बहुत कम होता है, तो आपके डॉक्टर दांत के नुकसान वाले भाग को भरने के लिए सामने वाले दांतों में दांत के रंग की भरने वाली सामग्री का उपयोग करते हैं और पीछे के दांतों में दांतों की रंग की या सिल्वर रंग की सामग्री का उपयोग करते हैं।
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हालांकि, अगर क्षति मध्यम से गंभीर है, तो कैपिंग करना आवश्यक होता है। कैपिंग या क्राउन प्लेसमेंट से जिस दांत का इलाज किया गया है उसको सहारा और मजबूती मिलती है। क्राउन के विभिन्न प्रकार उपलब्ध हैं और आपको अपने दाँत के लिए सबसे उपयुक्त क्राउन का चुनाव करने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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इस प्रक्रिया में, आपके दांत की चौड़ाई और ऊंचाई को एक बिजली से संचालित डिवाइस का उपयोग करके थोड़ा सा कम किया जाता है, इस डिवाइस में पानी का स्प्रे भी लगा हुआ होता है। आकार में यह कमी (जिसे क्राऊन काटने के रूप में जाना जाता है) नए क्राऊन को फिट करने की जगह बनाने के लिए की जाती है।
दांत काटने से पहले और बाद में, आपके डॉक्टर आपके क्राउन का एक साँचा बनाने के लिए दांत की एक प्रतिकृति लेते हैं जिससे आपका नया क्राउन आपके प्राकृतिक दांत के जैसा दिखता है। क्राउन एक दांतों की लेब में बनाया जाता है और आपके प्राकृतिक दांतों के आकार और रंग से मेल खाता है। एक प्रकार की सीमेंट का उपयोग करके, यह क्राउन कटे हुए दांत पर चिपका दिया जाता है।
रूट कैनाल के बाद दांत दर्द महीने | रूट कैनाल के बाद दांत दर्द
जब समय रहते एक छोटी सी गुहा का इलाज नहीं किया जाता है, तो दांत बुरी तरह से क्षय हो जाता है. जिसमें सामान्य भरने से समस्या हल नहीं हो सकती है. ऐसे मामलों में आपका दंत चिकित्सक शायद आपको रूट कैनाल से गुजरने की सलाह देगा. रूट कैनाल का प्रदर्शन करते समय, दंत चिकित्सक दांत के अंदर नसों और लुगदी को हटा देगा, दाँत के अंदर साफ करेगा और इसे सील कर देगा. इस प्रक्रिया के बाद आपके दांत की कुछ भी समझ नहीं होगी और दर्द मुक्त होना चाहिए.
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हालांकि, कुछ मामलों में आप अभी भी रूट कैनाल के बाद दर्द का अनुभव कर सकते हैं और इस दर्द के चार मुख्य कारण हैं:
- दाँत के चारों ओर अस्थिबंधन की सूजन: जड़ की सूजन की आवश्यकता वाले संकेतों में से एक मसूड़ों की सूजन है. दाँत के भीतर नसों और लुगदी के बाद भी संक्रमित दांत के आसपास के अस्थिबंधन अभी भी सूजन हो सकते हैं. ऊतक सामान्य होने से पहले इसमें कुछ समय लग सकता है. ज्यादातर मामलों में रूट कैनाल प्रक्रिया के बाद दर्द का कारण होता है.
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- क्षतिग्रस्त ऊतक: रूट कैनाल की प्रक्रिया का हिस्सा दाँत के अंदरूनी साफ करना है. दंत चिकित्सक दांत से आगे नहीं जाने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए. कुछ मामलों में दांत को साफ करने के लिए उपयोग की जाने वाली फ़ाइल रूट से परे जा सकती है और वहां ऊतक को नुकसान पहुंचा सकती है. एक और संभावना यह है कि दांत भरने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सीलेंट रूट से परे जा सकता है. इस प्रकार ऊतक को बढ़ाता है. इसे ठीक करने में कुछ समय लग सकता है और दर्द हो सकता है.
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- अतिरिक्त भरना: दाँत को साफ करने के बाद, दंत चिकित्सक दांत को एक सीलेंट से भर देता है. यदि दाँत में अत्यधिक सीलेंट भर जाता है, तो यह आसपास के दांतों से लंबा हो सकता है, जो दांत पर अतिरिक्त दबाव डालता है और परिणामस्वरूप दर्द और दर्द होता है. इस मुद्दे को हल करने के लिए दंत चिकित्सक को अतिरिक्त सीलेंट को हटाना होगा.
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- फैंटम दर्द: जब रूट कैनाल की बात आती है तो फैंटम दर्द दुर्लभ होता है. यह तब होता है जब दाँत तक पहुंचने वाली तंत्रिका तब भी व्यवहार करती है जैसे दाँत से पूरी तरह से हटाए जाने के बावजूद दांत से जुड़ा हुआ था. इस मुद्दे को हल करने के लिए परिधीय नसों का इलाज करने की आवश्यकता होगी.
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ज्यादातर मामलों में इन घटनाओं को रोका नहीं जा सकता है. यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि यह आपकी रूट कैनाल का एक लक्षण है जो विफलता है. अपने दंत चिकित्सक और ब्रश के संपर्क में रहें और अपने दांतों को नियमित रूप से फ़्लॉस करें. आपको जल्द ही दर्द कम महसूस होने लगेगा.
crown-after-root-canal-in-hindi हिंदी में रूट कैनाल उपचार के बाद साइड इफेक्ट
रूट कैनाल ट्रीटमेंट के आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ व्यक्तियों को कभी-कभी साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं का अनुभव हो सकता है जो निम्नलिखित हैं -
- आपको लंबे समय तक दांत में हल्के दर्द का अनुभव हो सकता है। यह आमतौर पर उन मामलों में होता है, जहां संक्रमण पहले जबड़े की हड्डी में भी था।
- कभी-कभी, रूट कैनाल का जीवाणु उपचार के दौरान उपयोग की जाने वाली कीटाणुनाशकों के खिलाफ बहुत प्रतिरोधी होता है। इसलिए, वे या तो मरते नहीं हैं या लंबे समय तक निष्क्रिय रहते हैं और इलाज के कुछ समय बाद दांत में संक्रमण को फिर से शुरू कर देते हैं।
- जब दुबारा होने वाला संक्रमण गंभीर हो जाता है, तो आपका उपचार असफल हो सकता है और आपको फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
- रक्त आपूर्ति बंद होने के कारण इलाज के बाद आपका दाँत नाजुक हो जाता है। नतीजतन, कुछ मामलों में जब आप किसी मजबूत चीज को दांतों से काटते हैं, तो आपका दाँत टूट सकता है या फ्रैक्चर हो सकता है।
उपचार के बाद दांतों की नियमित सफाई करें और समय-समय पर अपने डेंटिस्ट से जाँच करवाते रहे, इससे आपके दांत की लाइफ बड़ाई जा सकती हैं।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट
रूट कैनाल का खर्च 2021 Root Canal cost in india in hindi
रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लागत आपके द्वारा इलाज के लिए चुनी गयी जगह और दांतों के डॉक्टर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। एक विशेषज्ञ या रूट कैनाल ट्रीटमेंट में विशेषज्ञता प्राप्त दंत चिकित्सक (एंडोडोंटिस्ट) एक सामान्य दंत चिकित्सक से अधिक चार्ज कर सकता है।
आपके नए क्राऊन की लागत को छोड़कर उपचार लागत 4000-16000 रुपये तक हो सकती है। कैपिंग की लागत उस सामग्री के प्रकार जिससे आपका क्राउन बनाया जाता है और दंत चिकित्सक की विशेषज्ञता पर निर्भर करती है। यह आमतौर पर 2500 रुपये से शुरू होती है।
हालांकि, निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की तुलना में सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लागत बहुत कम होती है।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लागत आपके द्वारा इलाज के लिए चुनी गयी जगह और दांतों के डॉक्टर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। एक विशेषज्ञ या रूट कैनाल ट्रीटमेंट में विशेषज्ञता प्राप्त दंत चिकित्सक (एंडोडोंटिस्ट) एक सामान्य दंत चिकित्सक से अधिक चार्ज कर सकता है।
आपके नए क्राऊन की लागत को छोड़कर उपचार लागत 4000-16000 रुपये तक हो सकती है। कैपिंग की लागत उस सामग्री के प्रकार जिससे आपका क्राउन बनाया जाता है और दंत चिकित्सक की विशेषज्ञता पर निर्भर करती है। यह आमतौर पर 2500 रुपये से शुरू होती है।
हालांकि, निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की तुलना में सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लागत बहुत कम होती है।
Root Canal ke bad dard in hindi रूट कैनाल ट्रीटमेंट स्टेप्स
आपके दांतों में पाया जाने वाला पल्प एक जटिल ऊतक है। कभी-कभी, आपको एनेस्थीसिया देने के बाद भी दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसा तब होता है जब पूरा पल्प मरा न हो। इनमें से कुछ हिस्सा जीवित रह सकता है जो सुन्न नहीं होता है, क्योंकि एनेस्थीसिया वहाँ तक नहीं पहुँच पाता है।
कई बार, दांत में पल्प के ऊतक एनेस्थीसिया के लिए प्रतिरोधी का काम कर सकते हैं। एनेस्थीसिया के दो इंजेक्शन के बाद भी इस तरह के दाँत को सुन्न नहीं किया जा सकता है। इस दांत को “गर्म दांत” (हॉट टूथ) के रूप में जाना जाता है।
यदि जबड़े की हड्डी में पस (एक दांत का फोड़ा) बन जाता है, तो यह भी दाँत की नसों पर एनेस्थीसिया के असर को बाधित करता है। इसलिए भी आपको दर्द महसूस हो सकता है।
उपचार पूरा होने के बाद, आप थोड़ी देर के लिए दर्द का अनुभव कर सकते हैं। यह किसी भी उपचार के बाद शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया होती है। इसके बारे में चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है। समय पर अपनी दवाएं लें और अपने दांतों के डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
इलाज के बाद दर्द आमतौर पर एक से दो सप्ताह में कम हो जाता है। यदि यह इलाज के पंद्रह दिनों के बाद भी नहीं जाता है, तो आगे के चेक-अप के लिए अपने डॉक्टर के पास वापस जाएं।
आपके दांतों में पाया जाने वाला पल्प एक जटिल ऊतक है। कभी-कभी, आपको एनेस्थीसिया देने के बाद भी दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसा तब होता है जब पूरा पल्प मरा न हो। इनमें से कुछ हिस्सा जीवित रह सकता है जो सुन्न नहीं होता है, क्योंकि एनेस्थीसिया वहाँ तक नहीं पहुँच पाता है।
कई बार, दांत में पल्प के ऊतक एनेस्थीसिया के लिए प्रतिरोधी का काम कर सकते हैं। एनेस्थीसिया के दो इंजेक्शन के बाद भी इस तरह के दाँत को सुन्न नहीं किया जा सकता है। इस दांत को “गर्म दांत” (हॉट टूथ) के रूप में जाना जाता है।
यदि जबड़े की हड्डी में पस (एक दांत का फोड़ा) बन जाता है, तो यह भी दाँत की नसों पर एनेस्थीसिया के असर को बाधित करता है। इसलिए भी आपको दर्द महसूस हो सकता है।
उपचार पूरा होने के बाद, आप थोड़ी देर के लिए दर्द का अनुभव कर सकते हैं। यह किसी भी उपचार के बाद शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया होती है। इसके बारे में चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है। समय पर अपनी दवाएं लें और अपने दांतों के डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
इलाज के बाद दर्द आमतौर पर एक से दो सप्ताह में कम हो जाता है। यदि यह इलाज के पंद्रह दिनों के बाद भी नहीं जाता है, तो आगे के चेक-अप के लिए अपने डॉक्टर के पास वापस जाएं।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट वीडियो | रूट कैनाल ट्रीटमेंट कैसे होता है
रूट कैनाल के घरेलू उपचार
क्या आप रूट कैनाल (दांतों के बीच में छेद होना ) के तेज दर्द से परेशान हैं? आपने अनेकों उपचार किया पर सब बेअसर? आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है, हम आपको बता रहे हैं रूट कैनाल की समस्या से निजात पाने के कुछ घरेलू उपचार जिनसे यह हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा। क्या आप और जानना चाहते हैं? आगे पढ़ें...
रूट कैनाल के कारण
रूट कैनाल से तात्पर्य दांतों के बीच में छेद हो जाने से है। दाँत को खराब होने से बचाने के लिए डेन्टिस्ट से इसका समय पर इलाज करवाना चाहिए। इसके अनेक कारण हैं, इसका सबसे मुख्य कारण है कोई ठोस चीज खाते समय दाँत में फ़ेक्चर हो जाना।
दाँत टूटता है जब इसके बीच में भरी धातु सिकुड़ जाती है या गूदे वाले भाग (पल्प चैंबर) नष्ट हो जाता है और यह रूट कैनाल का कारण बनता है।
आब आप जान गए हैं कि रूट कैनाल क्या है और कैसे होता है तो अब आगे पढ़ें और जाने कि इससे होने वाले तेज दर्द से कैसे निजात पा सकते हैं।
बर्फ का पैक
यह नुस्खा कई सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है और यह कारगर है। बर्फ के पैक को दर्द वाली जगह पर रख दें यह इस जगह को सुन्न कर देगा जिससे दर्द कम हो जाएगा। ध्यान रखें कि आप बर्फ को एक जगह पर 10 मिनट से ज्यादा नहीं रखें।
रूट कैनाल के बाद सूजन
तरल आहार
जब आपको दाँत में दर्द होता है तो आपको तरल आहार खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में संतरे और गाजर का जूस ज्यादा से ज्यादा लें। फिर भी जूस ज्यादा ठंडा नहीं हो नहीं तो यह झनझनाहट पैदा करेगा।
साधारण नमक
गुनगुने पानी में एक टेबलस्पून नमक डालकर मिला लें और दिन में कम से कम दो बार गरारे और कुल्ला करें। पानी को थूकने से पहले प्रभावित जगह पर थोड़ी देर जरूर रखें।
एल्कोहल
एल्कोहल वाले पेय जैसे बीयर या व्हिस्की से कुल्ला करना भी इसमें फायदेमंद है। इससे न केवल इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा मिलेगा बल्कि यह उस जगह को भी सुन्न कर देगा और आपको दर्द में आराम मिलेगा।
चाय की पेड़ का ऑयल
यह कील मुहासों समेत कई चीजों के इलाज में कारगर है। यह ऑयल रूट कैनाल के दर्द में मददगार है। इसकी कुछ बूंदे गुनगुने पानी में मिला लें और इसे कुछ देर के लिए मुह में रखें। यह दर्द को कम कर देगा।
खीरा
खीरा भी आपको दर्द में आराम पहुंचा सकता है। ताजे खीरे के टुकड़े को काटें और दर्द वाली जगह पर रख लें। खीरा ठंड करेगा और दर्द में आराम पहुंचाएगा।
जैतून का तेल
रूई को जैतून के तेल में भिगो कर दर्द वाले दाँत पर लगाएँ। इससे दर्द से छुटकारा मिलेगा। जैतून के तेल में एंटी-इन्फ़्लामेटरी तत्व होते हैं जो कि दर्द को और सूजन को कम कर देता है।
लौंग का तेल
लौंग में एंटी-इन्फ़्लामेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं, दर्द वाले दाँत पर इसे लगाएँ।
प्याज या लहसुन का तेल
लहसुन एक एंटीबायोटिक औषधि है और प्याज एक एंटीसेप्टिक औषधि। प्याज या लहसुन को चबाने से भी रूट कैनाल के दर्द से छुटकारा मिलता है।
हींग
यह भी रूट कैनाल में कारगर औषधि है। 2 टी स्पून नींबू के रस में थोड़ा हींग मिला लें। इस मिश्रण को थोड़ा गरम कर लें और रूई इसे रूई से प्रभावित जगह पर लगाएँ।