What is pregnancy symptoms in Hindi | pregnant symptoms hindi
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में प्रेग्नेंट महिला को ब्रेस्ट में अचानक से भारीपन महसूस होता है। चेहरे पर अचानक से झाइयां नजर आने लगती हैं। यह बदलाव गर्भावस्था के शुरुआती छह महीनों या अंतिम छह महीनों में नजर आते हैं।
ये एक बेहद सामान्य लक्षण है. दरअसल, ब्रेस्ट के ऊतक हॉर्मोन्स के प्रति अति संवेदनशील होते हैं. गर्भ धारण करने के साथ ही शरीर में हॉर्मोनल चेंज होना शुरू हो जाते हैं. इससे ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है या फिर भारीपन आ जाता है.
क्या आपको आपके निपल कुछ अलग दिख रहे हैं? गर्भावस्था के दौरान होने वाले हॉमोर्नल चेंज से melanocytes प्रभावित होती हैं. यानी इसका प्रभाव उन कोशिकाओं पर पड़ता है जो निपल के रंग के लिए उत्तरदायी होती हैं. गर्भ धारण करने पर निपल का रंग गहरा हो जाता है. मितली आना और उल्टी होने जैसा लगना
गर्भावस्था में दिन की शुरुआत काफी बोझिल होती है. सुबह उठकर कमजोरी लगती है और मितली आती है. कई बार कुछ खाने पर उल्टी जैसा महसूस होने लगता है.
क्या आप अब पहले की तुलना में ज्यादा बार टॉयलेट जाने लगी हैं? ऐसे समय में किडनी ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं, जिससे बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है.
क्रेविंग भी गर्भवती होने का एक प्रमुख लक्षण है. गर्भवती महिला में किसी विशेष चीज के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है और हर वक्त वही खाने का दिल करने लगता है. कई बार ऐसा भी होता है कि इस दौरान महिला की डेली डाइट अचानक से बढ़ जाती है.
ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाने की वजह से सिर में दर्द रहने लगता है. ये गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक प्रमुख लक्षण है. पर धीरे-धीरे ये खुद ही ठीक हो जाता है.
हॉर्मोनल चेंज होने की वजह से पाचन क्रिया पर भी असर पड़ता है. पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है. ऐसे में महिला को अक्सर कब्ज की शिकायत रहने लगती है.
गर्भवती होने पर शरीर का तापमान अक्सर सामान्य तापमान से अधिक बना रहता है. इतना ही नहीं इस दौरान समय-समय पर मूड भी बदलता रहता है. कभी कोई चीज अच्छी लगने लगती है तो कभी उसी चीज से नफरत हो जाती है.
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट: पहले शुरुआती हफ्तों में बच्चे की कोई भी अल्ट्रासाउंड इमेज नहीं आती।
बच्चे का विकास: प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते में निषेचित अंडे में विभाजन हेाता। कोशिकाओं के इस गोले को विज्ञान की भाषा में ब्लास्टोसाइट कहते हैं।
डायट: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालों को अपनी डायट में शामिल करें। विटमिन सी वाले फल जरूर खाएं।
टिप्स: स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, नशे वगैरह से दूर रहें। डॉक्टर ने जो फोलिक एसिड सप्लीमेंट दिया है उसे नियमित रूप से लेती रहें। तनाव से दूर रहें। हल्की-फुल्की कसरत करें लेकिन ज्यादा उछल-कूद से बचें। अभी कहीं यात्रा न करें।
प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए बाजार में कई तरह के उपकरण मौजूद हैं लेकिन गर्भ धारण करने के साथ ही शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं. चाहें तो इन शुरुआती लक्षणों से जान सकती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं.