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Virya Badhane Ki Tablet | Virya Ka Mahatva | Virya Ki Kami Ka Ilaj | वीय की कमी |
शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि
पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या में कमी का मतलब केवल उनकी प्रजनन क्षमता पर सवालिया निशान नहीं है बल्कि इससे पता चलता है कि कई अन्य तरह की भी स्वास्थ्य समस्याएं हैं. एक नई स्टडी से यह बात सामने आई है कि शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट ये बताती है कि आपके शरीर में सबकुछ ठीक नहीं है.
शुक्राणुओं की कम संख्या वाले 5,177 पुरुषों पर एक स्टडी की गई. स्टडी से पता चला कि इनमें से 20 फ़ीसदी लोग मोटापे, उच्च रक्त चाप और बीमार करने वाले कोलेस्ट्रॉल से ग्रसित थे. इसके साथ ही इनमें टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की भी कमी थी. इस स्टडी का कहना है कि जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम है उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं की भी जांच करानी चाहिए.
क्या है समस्या स्टडी का कहना है कि जिन पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम है वो मेटाबोलिक सिंड्रोम से जूझ रहे हैं. इनका वजन लंबाई के हिसाब से ज़्यादा होता है और इनमें हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बनी रहती है. इनमें डायबीटीज, दिल की बीमारी और स्ट्रोक की भी आशंका प्रबल होती है.
इसके साथ ही इनमें सामान्य से 12 गुना कम टेस्टोस्टेरोन हार्मोन होता है जो कि यौनेच्छा को जगाता है. इससे मांसपेशियों के कमज़ोर होने की भी आशंका रहती है और हड्डियां भी पतली होने लगती हैं. हड्ड़ियां कमज़ोर होने लगती हैं और चोट लगने पर टूटने की आशंका प्रबल हो जाती है.
Virya Badhane Ki Tablet
वीर्य में शुक्राणुओं की कमी या वीर्य की गुणवत्ता में गिरावट के कारण हर तीन में से एक जोड़ा मां-बाप बनने की समस्या से जूझ रहा है. इस नई स्टडी में डॉक्टरों ने इटली में तहक़ीक़ात की है जो पुरुष प्रजनन क्षमता से जूझ रहे हैं उनकी सामान्य स्वास्थ्य में भी समस्या है.
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रेसा में एन्डोक्रनॉलजी के प्रोफ़ेसर डॉ अल्बर्टो फर्लिन के नेतृत्व में ये स्टडी की गई है. उन्होंने कहा, ''प्रजनन क्षमता में गिरावट से जूझ रहे पुरुषों के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि वो इसके साथ कई और समस्याओं से जूझ रहे हैं. मसला केवल उनकी प्रजनन क्षमता का नहीं है बल्कि उनके जीवन का है.
Virya Ka Mahatva
प्रजनन क्षमता का मूल्यांकन पुरुषों के लिए एक अच्छा मौक़ा होता है कि वो अपने शरीर की अन्य बीमारियों को भी पकड़ सकें.''
हालांकि इस स्टडी के लेखक का कहना है कि वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम होना मेटाबोलिक समस्या का प्रमाण नहीं है लेकिन दोनों समस्याएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
Virya Ki Takat
इस रिसर्च टीम का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन में कमी का संबंध इन समस्याओं से सीधा है. डॉ फर्लिन का कहना है कि अगर कोई पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता की जांच कराने जाता है तो उसे प्रॉपर हेल्थ जांच करानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ''जो पुरुष पिता नहीं बन पा रहे हैं उन्हें स्पर्म के साथ कई चीज़ों की जांच कराने की ज़रूरत है.'' कई विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कम ही होता है कि जो स्पर्म की गुणवत्ता की समस्या से जूझ रहे हैं वो शायद ही शरीर की अन्य समस्याओं की जांच कराते हैं.
क्या हैं कारण ?
वीर्य की कमी के कई कारण होते है। जैसे हस्तमैथुन, अधिक सहवास, खान-पान में सही देखभाल न करना, स्वप्नदोष, कमजोरी, मानसिक कमजोरी, चिन्ता करना आदि।
क्या हैं लक्षण ? हमेशा उदास सा रहना, किसी काम में मन का न लगना, सुस्ती, कमजोरी, अपंगता और मानसिक कमजोरी आदि के लक्षण वीर्य की कमी में देखे गये हैं।
Virya Ki Kami Ka Ilaj
धातु की कमी
क्या न करें ? गर्म मिर्च मसालेदार पदार्थ और मांस, अण्डे आदि, हस्तमैथुन करना, अश्लील पुस्तकों और चलचित्रों को देखना, बीड़ी-सिगरेट, चरस, अफीम, चाय, शराब, ज्यादा सोना आदि बन्द करें।
निल शुक्राणु
चिकित्सा 1. चोब चीनी : चोब चीनी को दूध में उबालकर 3 से 6 ग्राम को मस्तगी, इलायची और दालचीनी के साथ सुबह-शाम खाने से धातु (वीर्य) की कमी दूर होती है। 2. छोटी माई : छोटी माई का चूर्ण 2 से 4 ग्राम सुबह-शाम खाने से धातु (वीर्य) की कमी व कमजोरी दूर होती है।
Virya Rokne Ke Fayde
3. गुरुच : गुरुच का चूर्ण आधे से एक ग्राम सुबह-शाम शहद के साथ खाने से लाभ होता है। 4. गुंजा : गुंजा की जड़ 2 ग्राम को दूध में पकाकर रोज रात को खाना खाने से पहले खाने से वीर्य के सभी रोग खत्म हो जाते हैं। 5. गुलशकरी : गुलशकरी की जड़ 6 ग्राम से 10 ग्राम को मिश्री मिले दूध के साथ दिन में सुबह और शाम खाने से वीर्य की कमी दूर होती है। 6. शतावरी : शतावरी का चूर्ण 10 ग्राम से 20 ग्राम चीनी और दूध के साथ पेय बना कर सुबह-शाम सेवन करने से धातु (वीर्य) का पतलापन मिट जाता है।
7. सिरस : सिरस के बीजों का चूर्ण 1 से 2 ग्राम मिश्री मिले गाय के दूध के साथ सुबह-शाम खाने से लाभ मिलता है। सिरस की छाल और फूल बराबर मात्रा में पीसकर 30 दिनों तक रोज 1 चम्मच सुबह-शाम गर्म दूध के साथ
Virya Patla Hone Ke Lakshan
शुक्राणु कैसे बनते है
फंकी लेने से वीर्य गाढ़ा होकर मर्दाना ताकत बढे़गी तथा शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। सिरस के बीजों का 2 ग्राम चूर्ण, दोगुनी चीनी मिलाकर रोज गरम दूध के साथ सुबह-शाम लेने से वीर्य बहुत गाढ़ा हो जाता है। 8. मखाना : मखाना की खीर बराबर रूप से खाने से वीर्य की कमी दूर होती है।
Virya Ki Shakti
9. मुनक्का : मुनक्का खाने से धातु में वृद्धि होती है। 10. छुहारा : छुहारा बराबर रूप से दूध में उबालकर खाने से वीर्य बढ़ता है।
वीय की कमी के लक्षण
11. कलम्बो (करनी) : कलम्बो (करनी) का साग रोज खाने से शुक्र की कमी दूर होती है और जल्द लाभ नजर आता है। 12. काहू : काहू के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम मिश्री मिले दूध के साथ खाने से वीर्य गाढ़ा होता है।
शुक्राणु का निर्माण कहाँ होता है
13. प्याज : प्याज और अदरख का रस बराबर भाग में लेकर रोज सुबह-शाम शहद के साथ खाने से खोयी हुई जवानी लौट आती है।
शुक्राणु की जांच
14. हत्था जोरी : हत्था जोरी के पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) के मिश्रण 40 ग्राम से 80 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से वीर्य की कमी और वीर्य की कमजोरी दूर होती है। 15. उड़द : उड़द की दाल को पीसकर नमक, कालीमिर्च, जीरा, हींग, लहसुन अदरक आदि को डालकर घी में तलकर दही में मिलाकर खाने से वीर्य बढ़ता है।
Virya Ki Kami Ke Upay
16. शिलाजीत : थोड़ी मात्रा में गाय के दूध में घोल कर रोज सुबह-शाम 2-3 महीने तक खाने से धातु (वीर्य) की कमजोरी और अन्य बीमारी दूर हो जाती है। 17. दालचीनी : दालचीनी के तेल में 3 गुना जैतून का तेल मिलाकर शिश्न पर लगाने से मर्दानगी लौट आती है। ध्यान रहे इस पर ठंड़ा पानी न पड़े। दालचीनी का चूर्ण कर एक चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद रोज 2 बार दूध के साथ लेने से लाभ होता है।
शुक्राणु की कमी का इलाज
18. आंवला : रोजाना एक बड़े आंवले के मुरब्बे को खाने से मर्दाना ताकत आती है। 19. खजूर : खजूर रोज गर्म दूध के साथ खाने से कुछ ही दिनों में वीर्य बढ़ जाता है।
20. केसर : केसर को दूध में कुछ दिनों तक डालकर खाने से शीघ्रपतन दूर हो जाता है। 21. बेल : बेल की जड़ की छाल को जीरे के साथ पीसकर घी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से वीर्य का पतलापन दूर होता है। [हेल्थ डेस्क]
महिलाओं की खूबसूरती सिर्फ उनके चेहरे और रंग-रूप पर ही नहीं बल्कि ब्रेस्ट साइज पर भी निर्भर करती है। परफेक्ट ब्रेस्ट साइज ना सिर्फ महिला की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करता है बल्कि उसे काफी सेक्सी लुक भी देता है। कई महिलाओं को अपने ब्रेस्ट के साइज को लेकर शिकायत रहती है। वह अपनी ब्रेस्ट के कम साइज को लेकर काफी परेशान भी रहती हैं। ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके भी अपनाती हैं। आपको बता दें कि ब्रेस्ट का साइज कम होने की वजह शरीर में विटामिंस की कमी या फिर हार्मोन एस्ट्रोजन की कमी हो सकती है। इन्हें बढ़ाकर काफी हद तक ब्रेस्ट साइज को बढ़ाया जा सकता है।
ब्रेस्ट साइज कम होने के कारण (Reasons of Having Small Breasts)
ब्रेस्ट बढ़ाने के उपाय जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि किसी-किसी महिला का ब्रेस्ट साइज कम क्यों होता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्यतः सही आहार या पौष्टिक तत्व न लेना, युवावस्था के दौरान हार्मोन की कमी या असंतुलित हार्मोन, वज़न का कम होना, अनुवांशिक कारण, तनाव की वजह से हार्मोन असंतुलित होना और किसी तरह की दवाई का असर शामिल हैं।
ब्रेस्ट बढ़ाने की दवा patanjali
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने की एक्सरसाइज (breast increase exercises)
फिटनेस एक्सपर्ट मानते हैं कि नियमित रूप से कुछ एक्सरसाइज करने से ब्रेस्ट की ग्रोथ की जा सकती है। एक्सरसाइज करने से ब्रेस्ट और आसपास के हिस्से में कसावट आती है। इसके लिए आपको रोजाना कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस दौरान आप पुश-अप्स, क्रंचेस, वाल-अप्स, डम्बल के साथ चेस्ट प्रेस जैसी एक्सरसाइज कर सकती हैं। ध्यान रहे कि हर एक्सरसाइज कम से कम 2 मिनट करें।
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए खाएं ये चीजें (breast increase foods)
बॉडी को आकार देने में खानेपीने का अहम रोल है। ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए आपको पूरा पोषण चाहिए। इसलिए आपको अपनी डाइट में दूध, हरी सब्जियां, नट्स, सोयाबीन, पपीता, सीफ़ूड, बीज, मेथी के बीज, टोफू, फ्लैक्ससीड्स, और फलों का खूब सेवन करना चाहिए। इन चीजों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जी मसल्स के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
ब्रेस्ट बढ़ाने की दवा ka name
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के तेल (breast increase oils)
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए आप बादाम, जैतून, सोयाबीब, लौंग, मेथी के बीज, चमेली, अलसी, जोजोबा, ग्रास ऑयल और तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इन सभी तेलों का इस्तेमाल करने के तरीका अलग-अलग है। आमतौर पर तेल को गर्म करके ब्रेस्ट और आसपास के हिस्से में हल्के हाथों से मालिश की जाती है। ऐसा माना जाता है कि तेल से मालिश करने से दस हफ्तों में तीन इंच तक ब्रेस्ट साइज बढ़ाया जा सकता है।
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के दवा और क्रीम (breast increase medicine and cream)
अगर आप इंटरनेट पर ब्रेस्ट बढ़ाने की दवा या क्रीम सर्च करेंगी, तो आपको तमाम क्रीम, गोलियां और लोशन की जानकारी मिल जाएगी। हालांकि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) इस बात की पुष्टि करता है कि इस तरह के उत्पाद ब्रेस्ट साइज बढ़ाने में सही साबित नहीं हुए हैं। इसलिए आपके लिए बेहतर यही है कि आप दवा या क्रीम के चक्कर में अपना समय खराब न करें।
ब्रेस्ट बढ़ाने की टेबलेट नाम
छाती बढ़ाने की दवा
ब्रेस्ट बढ़ाने की दवा का नाम
Brest ko tait kaise kare exercises,brest ko tait karne ka tarika,stan badhane ki cream,stan badhane ke gharelu upay,stan ko bada karne ka upay,stan ... उपाय | Loose Breast Ko Tight Karne Asaan Tarika Hindi,स्तनों का ढीला पन दूर करने और आकर बढ़ाने के सबसे असरदार घरेलु नुस्खे।
मैथी से स्तन बढ़ाने के उपाय और टिप्स Fenugreek for Breast Enlargement स्तन का साइज़ बढ़ाने में रामबाण है एलोवेरा! || Aloe Vera is the panacea to increase breast size!
2019 कार्बनिक स्तन बढ़ाने कैप्सूल
ब्रैस्ट साइज बढ़ाना चाहते हैं तो रोजाना इस्तेमाल करें ये 4 तेल
ब्रेस्ट बढ़ाने का आयल : परफैक्ट ब्रैस्ट साइज महिलाओं की पर्सनालिटी में चार-चांद लागने का काम करता है। महिलाओं की खूबसूरती सुंदर चेहरे के अलावा ब्रैस्ट के साइज पर भी निर्भर करती हैं। एेसी बहुत सी महिलाएं होती हैं जिनका ब्रैस्ट साइज परफैक्ट होता है। मगर कुछ महिलाएं एेसी होती हैं, जिनके ब्रैस्ट का आकार बहुत कम होता है।
ब्रैस्ट साइज अच्छी तरह से बढ़ाने का तरीका
ब्रैस्ट का आकार बढ़ाने के लिए वह कई तर के तरीके अपनाती हैं। मगर उसे भी कोई फायदा नहीं होता। एेसे में कुछ तेलों से मसाज करके भी स्तनों के आकार को बढ़ाया जा सकता है। आज हम आपको उन्ही तेलों के बारे में बताएंगे जिनको लगाने से कुछ ही दिनों में ब्रेस्ट साइज बढ़ाया जा सकता है।
ब्रैस्ट साइज अच्छी तरह से बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करे ये तेल
बादाम का तेल
5 चम्मच बादाम का तेल लें। अब इसको थोड़ा सा गर्म कर लें। अब गुनगुने तेल को उंगलियों पर लगाएं और कम से कम 2 मिनट के लिए मसाज करें। थोड़े समय के लिए तेल को एेसे ही लगा रहने दें। रोजाना बादाम के तेल से ब्रैस्ट की अच्छी तरह से मसाज करने से 8-10 हफ्तों में स्तनों का आकार 2 से 3 तीन इंच तक बढ़ जाता है।
जैतुन का तेल
जैतुन के तेल से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होने लगता है। इससे ब्रैस्ट साइज बढ़ने लगता है। दो चम्मच जैतुन का लेकर उसको ब्रैस्ट पर 5 से 10 मिनट के लिए लगाएं। इसके बाद तेल को एेसा ही रहने दें। कुछ ही दिनों में अच्छी तरह से परफैक्ट फिगर मिलेगी।
सोयाबीन तेल
सोयाबीन तेल सोयाबीन के बीज से बनता है। ये आपके शरीर में एस्ट्रोजेन के स्तर को बढ़ाता है। जब शरीर में एस्ट्रोजेन का स्तर अच्छी तरह से बढ़ने लगता है तो ब्रैस्ट का साइज बढ़ने लगता है। सबसे पहले सोयाबीना का तेल लें। अब तेल में उंगलियां को डूबों कर स्तनों में 10 से 15 मिनट के लिए मसाज करें। मसाज करने से स्तनों का आकार बढ़ने लगेगा।
मेथी के बीज का तेल
2 चम्मच मेथी का तेल लें। अब इससे 5 मिनट के लिए मसाज करें। एेसा करने से कुछ ही दिनों में ब्रैस्ट का आकार बढ़ने लगेगा। मेथी के बीजों के तेल से मसाज की गई मसाज छाती के आसपास की त्वचा को अच्छी तरह से बढ़ाने में सहायक है। जब छाती के आसपास त्वचा बढ़ जाती है तो ब्रैस्ट का आकार भी बढ़ने लगता है।
हर महिला का सपना होता है कि उसकी काया ख़ूबसूरत नज़र आए। इसके लिए स्तनों (ब्रेस्ट) का आकार काफ़ी महत्व रखता है। कई महिलाओं को अपने स्तनों के आकार को लेकर हमेशा शिकायत रहती है। उम्र के साथ-साथ उनके स्तनों का ठीक तरह से विकसित न होना, उन्हें हीन भावना से ग्रस्त कर देता है। कई बार महिलाएं ब्रेस्ट को बड़ा करने के लिए तरह-तरह के उपाय आज़माती हैं। कुछ महिलाएं दवाइयां तक लेती है और परिणामस्वरूप साइड इफ़ेक्ट का सामना करना पड़ता है, लेकिन हम आपकी यह चिंता काफ़ी हद तक दूर कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको स्तनों का आकार बढ़ाने के आसान तरीके बता रहे हैं।
स्तन (ब्रेस्ट) छोटे होने के कारण – Reasons of Having Small Breasts in Hindi
ब्रेस्ट बढ़ाने के उपाय जानने से पहले स्तनों के विकसित न होने का कारण जानना ज़रूरी है। ऐसे ही कुछ कारणों का उल्लेख यहां किया जा रहा है।
सही आहार या पौष्टिक तत्व न लेना।
युवावस्था के दौरान हार्मोन की कमी या असंतुलित हार्मोन।
वज़न का कम होना।
कभी-कभी स्तनों की वृद्धि न होने का कारण अनुवांशिक भी होता है। अगर परिवार में किसी महिला को यह समस्या रही हो, तो हो सकता है कि अगली पीढ़ी को भी इसका सामना करना पड़े।
कभी-कभी तनाव की वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिस कारण स्तन ठीक तरह विकसित नहीं हो पाते।
किसी तरह की दवाई का असर।
ब्रेस्ट बढ़ाने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Increase Breast Size in Hindi
क्रकच ताल (Saw Palmetto)
सामग्री
500 एमजी का कैप्सूल
क्या करें ?
रोज़ 500 एमजी का एक या दो क्रकच ताल कैप्सूल खा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
क्रकच ताल (Saw Palmetto) एक तरह की जड़ी-बूटी है। इसका पौधा करीब तीन-चार फुट लंबा होता है। यह महिलाओं व पुरुषों के हार्मोन को बूस्ट करने में मदद करती है। हालांकि, अभी तक इसका कोई कथित प्रमाण सामने नहीं आया है, लेकिन स्तनों के विकास के लिए इसे उपयुक्त हर्बल उत्पाद माना गया है (2)।
नोट : अगर आपको किसी चीज़ से एलर्जी है या आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रही हैं, तो इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह-परामर्श ज़रूर कर लें।
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए व्यायाम – Exercise to Increase Breast Size in Hindi
जंगली रतालू
सामग्री
दो चम्मच जंगली रतालू की जड़
एक कप पानी
शहद (इच्छनुसार)
क्या करें ?
जंगली रतालू की जड़ को एक कप पानी में कुछ देर उबालें।
पानी के सामान्य होते ही पी लें।
आप चाहें, तो स्वाद के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं।
आप इसे रोज़ दो बार पी सकते हैं।
कैसे फ़ायदेमंद है ?
जंगली रतालू, स्तनों के टिश्यू को स्वस्थ रखता है और यह महिला के प्रजनन प्रणाली के लिए भी फायदेमंद होता है। जंगली रतालू में फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogen) होता है, जिसे डायोसजेनिन (diosgenin) भी कहा जाता है। यह स्तन ऊतकों की वृद्धि में मदद करता है
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए आहार – Diet to Increase Breast Size in Hindi
1.वॉल पुश-अप Breast Badhane Ke Liye Wall push-upPinit
आप एक दीवार के सामने खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को दीवार पर रखें। अब आप दीवार को धक्का देने की कोशिश करें और फिर दीवार से दूर जाएं। यह आसानी से होने वाला व्यायाम है। इसके लिए आपको जिम जाने की ज़रूरत नहीं, इसे आप घर पर ही कर सकते हैं।
2. बारबेल बेंच प्रेस Breast Badhane Ke Liye barbell bench pressPinit
इसमें आप बेंच पर अपने पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को ज़मीन पर रखें। अब लेटे हुए ही वज़न वाली रॉड को स्टैंड से धीरे-धीरे हटाएं। अब रॉड को अपने सीने की ओर नीचे लाएं और फिर ऊपर की ओर करें। ध्यान रहे कि यह व्यायाम आप किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें।
3. पुश अप Breast Badhane Ke Liye Push upPinit
यह वॉल पुश-अप की तरह ही होता है। फ़र्क बस इतना है कि इसे दीवार पर न करके ज़मीन पर किया जाता है।
इसके आलावा आप ब्रेस्ट बड़े करने के लिए बेंच प्रेस, रोटेशन फ्लाई व इसोमेट्रिक चेस्ट कन्ट्रैक्शन जैसे व्यायाम भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप योग जैसे – उतरासना, वृक्षासन, भुजंगासन, धनुरासन का भी सहारा ले सकते हैं।
नोट : आप जो भी व्यायाम या योग करें, वो किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें। अगर आपको किसी भी व्यायाम या योग को करते समय या करने के बाद कोई असुविधा महसूस हो, तो उसे तुरंत बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
सिर्फ व्यायाम ही नहीं, बल्कि ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने के लिए आपकी डाइट भी बहुत मायने रखती है।
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए आहार – Diet to Increase Breast Size in Hindi आपके आहार में सभी ज़रूरी पोषक तत्व जैसे – प्रोटीन व विटामिन होने चाहिए। नीचे हम कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में आपको बता रहे हैं।
फलों का सेवन करें, जैसे – सेब, बेरी, पीच। हरी सब्ज़ियों का सेवन करें, जैसे – पालक, गाजर, मटर। चिकन, अंडा या सी-फ़ूड का सेवन करें। नट्स, जैसे – काजू, पिस्ता व अखरोट खाएं। पोषक तत्व से भरपूर पेय पदार्थ, जैसे – हर्बल-टी व ग्रीन-टी का सेवन करें। ज़्यादातर पूछे जानें वाले सवाल क्या वजन घटाने से ब्रेस्ट छोटे हो जाते हैं? अधिकांश स्तन फैट टिश्यू से बने होते हैं, जो वजन बढ़ाने पर विकसित होते हैं। इसलिए, जब आप वजन कम करते हैं, तो आपके स्तन के आकार में गिरावट की आशंका अधिक होती है। हालांकि, कुछ लोगों में कम वसा वाले ऊतकों के साथ ज़्यादा विकसित स्तन होते हैं। ऐसे मामलों में, स्तन के आकार में गिरावट कम ही होती है।
उम्र के हिसाब से ब्रेस्ट साइज क्या होना चाहिए? यह महिला के शारीरिक संरचना या फिर उनके जीन पर निर्भर करता है। हालांकि, सामान्यत: स्तन का आकार 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की लड़कियों या महिलाओं में 30 से 40 इंच तक हो सकता है।
अब इंतज़ार किस बात का, ऊपर दिए गए ब्रेस्ट साइज़ बढ़ाने के आसान तरीके आज़मा कर, आप आसानी से अपने स्तनों के आकार में सुधार ला सकते हैं। हालांकि, ब्रेस्ट बढ़ाने के तरीके आज़माने के साथ-साथ आपको धैर्य भी रखना होगा, क्योंकि इसमें थोड़ा समय लगेगा। अगर जल्द परिणाम न मिले, तो निराश होने की ज़रूरत नहीं है। शरीर को सही आकार में आने के लिए थोड़ा समय लगता है, क्योंकि आपका शरीर प्रकृति के अनुसार सही समय पर सही रूप लेता है।
खाने की गलत आदतें, खराब लाइफस्टाइल और गलत आदतों के चलते आज हम मोटापे के शिकार हो रहे हैं। मोटापा न केवल आपकी पर्सनैलिटी को खराब करता है बल्कि कई तरह की बीमारियों जैसे डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, ब्लड प्रेशर और किडनी का शिकार भी बना देता है। इसलिए हमें मोटापा कम करने के उपायों की खोज करनी चाहिए। हालांकि कई महिलाएं मोटापे को कम करने के लिए घंटों जिम में बिताती है, कुछ डाइट पर रहती हैं और यहां तक कि कुछ महिलाएं सप्लीमेंट का सहारा भी लेती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि नॉर्मल रूटीन में थोड़ा सा बदलाव करके आप आसानी से अपना वजन तेजी से कम कर सकती हैं।
जी हां आज हम आपको कुछ नॉर्मल टिप्स के बारे बताने जा रहे हैं, जिसकी हेल्प से आप 3 दिन में 1 किलो तक कम कर सकती हैं। वेट कम करना इतना भी मुश्किल नहीं है जितना हमें लगता है। अगर आप यहां दिए टिप्स को अच्छे से फॉलो करेंगी तो बहुत ही आसानी से 3 दिन में ही अपने वजन में फर्क महसूस करेंगी।
Motapa Kam Karna In Hindi
गर्म पानी पिएं घपा घप
hot water for weight loss inside
जैसा ही हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि गर्म पानी पीने से आप अपना वजन तेजी से कम कर सकती हैं। डॉक्टर अबरार मुल्तानी का कहना हैं कि ''जब आप गर्म पानी पीती हैं, तो इससे बॉडी में जमा फैट दूर होता है। जिससे आपका वेट कम होने लगता है।'' साथ ही बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए गर्म पानी पीना बेहद जरूरी है। जी हां जब आपकी बॉडी डिटॉक्स होगी तब मेटाबॉलिज्म बढ़ने लगेगा और आप पतली होने लगेगी।
रोज करें एक्सरसाइज घपा घप
staris for weight loss
वजन कम करने के लिए डाइट के साथ एक्सरसाइज करना भी बेहद जरूरी होता है। जी हां फैट बर्न करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखना बेहद जरूरी है। आपको एक्सरसाइज करने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है आप घर में ही वॉकिंग, जॉगिंग या सीढि़यों को चढ़ कर अपना फैट बर्न कर सकती हैं। जी हां एक्सरसाइज से ज्यादा यह बात मायने रखती है कि आप वर्कआउट कैसे करती हैं। जब आप छोटी-छोटी एक्सरसाइज करती हैं और इसके बात बीच में आसान एक्सरसाइज करती हैं तो आपकी बॉडी को सबसे ज्यादा फायदा होता है क्योंकि बीच में तरोताजा होने के लिए शरीर को पर्याप्त रेस्ट मिल जाता है।
बचें शुगर से घपा घप
quit sugar for weight loss
वजन कम करने के लिए शुगर वाली चीजे खाने से बचें। जी हां मोटापा कम करने के लिए आपको शुगर से बनी मिठाइयों और चॉकलेट से दूरी बना कर रखना चाहिये क्योंकि ये आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा कर देते हैं। इसके अलावा कुछ भी ऐसा न खाएं जिसमें आर्टिफिशियल शुगर मौजूद हो। इसे खाने से एक ओर जहां वजन बढ़ता है वहीं ऐसी चीजें मीठे की क्रेविंग बढ़ाने का भी काम करती है।
इसे जरूर पढ़ें: खाना खाने से वजन नहीं बढता, ये आदतें अपनाएं मोटापा घटाएं
लें प्रोटीन घपा घप
protein diet for lose weight inside
मोटापा कम करने में प्रोटीन का अहम रोल होता है। प्रोटीन से बॉडी को सही शेप में लाया जा सकता है। प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से बॉडी में मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही प्रोटीन का सेवन पेट को भरा रखता है जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है और बार-बार खाने की इच्छा कम होती है। यह कई तरह के वजन कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स में भी बदलाव लाता है। अगर आप नॉन वेज नहीं खाती हैं तो प्रोटीन के लिए पनीर, दही, दालें और राजमा का सेवन करें।
लें ग्रीन टी घपा घप
green tea for weight loss inside
ग्रीन टी की हेल्प से बॉडी के मेटाबॉलिज्म बढ़ा कर मोटापा कम किया जा सकता है। इसके लिए आप दिन में दो से तीन बार ग्रीन टी लें। ऐसा करने से फैट तेजी से बर्न होगा। जी हां पेट की चर्बी कम करने और वजन घटाने के लिए ग्रीन टी सबसे आसान और जबरदस्त उपाय माना जाता है। जो महिलाएं शादी के बाद घर पर ही रहती हैं और अपना पहले जैसा आकर्षक फिगर खो बैठी हैं, उनके लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बेहतर विकल्प हो सकता है।
घरेलू उपाय
अगर आप भी अपना वजन तेजी से कम करना चाहती हैं तो इन टिप्स को अपने रूटीन में शामिल करें और फिर देखें कमाल।
Motapa Kam Karne Ke Upay Video
मोटापा। एक ऐसी बीमारी, जिसका नुकसान धीरे-धीरे समझ आता है। ये बढ़ता जितनी स्पीड से हैं, कम नहीं होता है। ऐसे में हम कसरत, व्यायाम, परहेज और एक्सपर्ट व्यूज लेकर मोटापा कम करने के तरह-तरह नुख्शे आजमाने लगते है। बावजूद इसके भी अधिकांश लोग लंबे समय की मेहनत के बाद भी मोटापा से छुटकारा नहीं पा पाते है। लेकिन, आज जो हम आपको बताने जा रहे है उस पर पहले तो आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन जब आप इस नए तरीके का उपयोग करने लगेंगे तो इसके फायदे आपके शरीर पर ही नजर आने लगेगे। वह भी बिना किसी परहेज और व्यायाम के। सागर के डॉक्टर द्वारा की गई इस अनोखी खोज के माध्यम से रोजाना 1 किलो तक वजन कम होने का दावा किया गया है। जो कैसे होगा आईए जानते है विस्तार से...
Weight Loss Karne Ke Gharelu Nuskhe In Hindi
वजन कम करने के इस नए तरीके का प्रयोग करके प्रतिदिन 1 किलो वजन कम कर रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार उनके पास आए फीडबेक के अनुसार लोगों का कहना था कि पहले तो इस तरीके पर विश्वास नहीं किया और इसे नजर अंदाज करने का फैसला किया गया, जैसा कि वजन कम करने के हर लुभाऊ तरीके को करते हैं, लेकिन इसके परिणाम बेहद आश्चर्यजनक थे तो हमने इसके बारे में पता लगाने और पूछताछ करने का फैसला लिया। कुछ लोगों ने 30 दिनों के अंदर कम से कम 28 किलों तक वजन कम किया है वो भी बिना किसी कसरत, दौड़-भाग, महंगे ऑपरेशन या अपने पसंदीदा खाने से दूर रहकर।
चांडाल खंड मेडिकल कॉलेज के जाने माने चिकित्सक डॉक्टर रोली जैन को इसका काफी श्रेय दिया जा रहा है। जिन्होंने इस नए तरीके को लोगों तक पहुंचाकर काफी मदद की है। डॉक्टर के अनुसार दुनिया में लाखों लोग अपने मोटापे से परेशान रहते हैं लेकिन अधिकतर के लिए खाने-पीने में परहेज का तरीका अनुसरण करना काफी कठिन रहता है। और तो और, अधिकतर वजन कम करने वाले कार्यक्रम, जिसे स्पा-क्लीनिक की से प्रसारित किया जाता है उनका खर्च अधिक होता है, और इतने ज्यादा खर्च के बावजूद, जो परिणाम होते हैं वो बहुत ही दुखदायी होते हैं। वे सिर्फ आपके शरीर में पानी का भार काम करवाते हैं इसलिये एक महीने के अंदर आपका वजन फिर बढ़ जाता है। यही वजह है कि वजन कम करना प्राय: एक असंभव सा काम लगता है।
कई अध्ययनों में यह खुलासा हुआ है कि अधिक भार की महिलाओं और पुरुषों को सही कमाई वाली नौकरी मिलने में और विपरीत लोगों को आकर्षित करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वो अवसाद, सामाजिक व्याकुलता और आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो अधिक वजन होना जिन्दगी के हर पहलु में नकारत्मकता ला देता है। लेकिन चिंता ना कर कई साल के मोटापे को कम करने का पहला कदम है कि पाचन क्रिया की धीमी प्रक्रिया को शुरू करना। वजन घटाने की जादुई कोशिश की तकनीक बिल्कुल ऐसे ही काम करती है। पोषक तत्वों का सही माप करके, कोशिका स्तर पर पाचन शक्ति को गति प्रदान करता है, और सालों को जमी चर्बी को कम कर देता है-जिससे कि आप पतले हो जाएं और वैसे ही बने रहें।
Motapa Kam Karne Ke Liye Diet
एक महीने में कितना वजन घटाया जा सकता है ? दरअसल ये बात विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। मसलन आपका वर्तमान शरीर का वजन, डाइट और व्यायाम की तीव्रता। आप दैनिक शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ अपने आहार और कैलोरी की मात्रा में संशोधन करके एक महीने में 3-4 किलो वजन कम कर सकते हैं।
अगर आप एक हफ्ते में एक किलो वजन कम कर रहे हैं तो, इसका मतलब ये हुआ कि आपका फैट कम नहीं हो रहा बल्कि मांसपेशियाँ दुबली हो रही हैं और शरीर में पानी कम हो रहा है।
तेजी से वजन घटने से आप कमजोर और बीमार हो सकते हैं। इसलिए आदर्श रूप में वजन घटाने से पहले अपनी बॉड़ी मास इंडेक्स BMI की गणना सुनिश्चित कर लें।
Motapa Kam Karne Ke Liye Yoga
वजन कम करने की प्रक्रिया | Steps for Weight loss in Hindi
वजन कम करने की प्रक्रिया के दौरान निष्ठा, प्रतिबद्धता और अनुशासित जीवन शैली भी मिलती हैं। हममें से बहुत से लोग वजन कम करना चाहते हैं जिसके लिए हम अलग अलग परहेज़, व्यायाम, एरोबिक्स और योग भी करते हैं। पर कुछ ही दिनों के पश्यात हम इन अभ्यासों से ऊब जाते हैं, आशा खोने लगते हैं और अभ्यास छोड़ देते हैं। यह दुष्चक्र चलता रहता हैं और शरीर भी इनका अभ्यस्त हो जाता हैं। अगली बार शरीर इसी अभ्यास को प्रारंभ करने में ज्यादा समय और मेहनत लगाता हैं। इसका मतलब है अगली बार जब आप अपना वजन कम करने का अभ्यास करते, तब आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रयास करना पड़ता हैं। दिन भर पसीना बहाना पड़ेगा, नीरसता से लड़ना पड़ेगा और जड़ता को चूर चूर करना होगा तभी लाभदायक परिणाम प्राप्त होंगे। इसके परिणाम स्वरुप जब भी आप सीशे में अपने आप को निहारेंगे आप मुस्कराएंगे।
योग वजन कम करने में सहायक हो सकता है| योग की सबसे अच्छी बात यह है की व्यायाम के पश्च्यात पहले की अपेक्षा ज्यादा ताजगी और उत्साह का अनुभव होता है। योग को अधिकतर ऐरोबिक्स व्यायाम समझा जाता है जिसमें अन्य कठिन व्यायामों की अपेक्षा कैलोरी घटाने की क्षमता को कम मानते हुए, अन्य को प्रभावी माना जाता है। परंतु योग द्वारा मोटापा कम करने के अपने ही प्यारे तरीके हैं। यह एक धीमी प्रक्रिया है यह इतनी आसानी से मोटापा कम करता है जैसे चाकू से मक्खन कट रहा हो। अब कुछ सबसे अच्छे आसनों पर नजर डालते हैं जो मोटापा कम करनें में सहायक हो सकतें हैं।
Motapa Kam Karne Ke Upay Baba Ramdev
Motapa Kam Karne Ke Liye Medicine
आहार चार्ट थायराइड रोगियों वजन कम करने के लिए
कम वजन
कम वजन के अर्थ उपाय लक्षण शिशु की देखभाल
हाइपरथायराइडिज्म के लिए आहार चार्ट – Hyperthyroidism Diet Chart in Hindi
सबसे पहले सवाल यह उठता है कि हाइपरथायराइडिज्म क्या है? हाइपरथायराइडिज्म उस दशा को कहते हैं, जब थायराइड ग्रंथि द्वारा जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण होता है। यह ग्रेव डिजीज के कारण भी होता है, जो एक प्रकार की ऑटोइम्यून समस्या है। इसके कारण थायराइड ग्रंथि ज्यादा थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। इसमें वजन कम होना, हृदय गति में वृद्धि, चिंता, चिड़चिड़ापन, अनियमित पीरियड, अनिद्रा, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, भूख में वृद्धि और नम त्वचा की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसे में डॉक्टरी उपचार के साथ-साथ सही खान-पान का ध्यान रखना भी जरूरी है।
हाइपरथायराइडिज्म के लिए आहार चार्ट – Diet chart for Hyperthyroidism in hindi
भोजन (MEALS)
क्या खाएं (डाइट प्लान शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के लिए)
सुबह (7:00–7:30 am)
दो कप सामान्य पानी
नाश्ता (8:15 – 8:45 am)
टमाटर + सेब + ग्रेपफ्रूट स्मूदी और दो अंडे
मिड मॉर्निंग (10:30 am)
एक मध्यम आकार के कप में छोटे गाजर को नींबू के रस और समुद्री नमक के साथ मिलाकर खाएं
दोपहर का खाना (12:30 – 1:00 pm)
पालक, शतावरी, केल, टमाटर और टोफू के साथ टूना/चिकन/मशरूम की सलाद
शाम का नाश्ता (4:00 pm)
एक कप ग्रीन टी + 32 पिस्ता के दाने
डिनर (7:00 – 7:30 pm)
हर्ब्स और सब्जियों के साथ राजमा या ग्रिल्ड मछली
कैसे 7 दिनों में वजन 10/20 किलो कम करने के लिए
कैसे चलने से वजन कम करने के लिए
करें डाइट में बदलाव
अगर आप तेजी से वजन घटाना चाहती हैं तो डइटिंग की जगह अपनी डाइट में बदलाव कर लें। अमूमन देखा गया है कि महिलाएं पतला होने के चक्कर में भूखे रहना शुरू कर देती हैं। मगर, भूखे रहने से पेट में गैस बनती है जो कहीं न कहीं चर्बी भी बढ़ाती है। इससे पेट हमेशा फूला हुआ सा रहता है। अगर चिकित्सकों की मानें तो आपको दिन में 4 छोटी छोटी मील लेनी चाहिए। कोशिश करें कि जितनी भूख हो उससे आधा ही खाना खाएं। इससे आपकी भूख तो मिट ही जाएगी साथ ही आपका पेट भी भरा-भरा नहीं लगेगा। इसके साथ ही आपको अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन,जिंक, फाइबर और ओमेगा-3 लेना चाहिए। इससे आपका वजन तेजी से घटना शुरू होगा।
सही समय खाने का
American Journal of Clinical Nutrition में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक अमूमन लोगों को लंच करने का सही समय नहीं पता होता है। वह कभी भी लंच कर लेते हैं। अमूमन लोगों का मानना है कि दोपहर में किसी भी वक्त लंच कियाजा सकता है। आपको बता दें कि लंच का सबसे ज्यादा खराब समय दोपहर 3 PM के बाद का होता है। यह आपके वेट लॉस प्रॉसेस को स्लो करता है। स्टडी के मुताबिक दोपहर के भोजन का प्रभाव शरीर में मौजूद perilipin protein पर पढ़ता है। यह मनुष्य के सेल्स में पाए जाते हैं। फैट बर्निंग प्रॉसेस के लिए भी यह प्रोटीन जरूरी होता है। खासतौर पर अगर 3 बजे के बाद लंच करते हैं तो वह कभी पतले नहीं हो सकते। महिलाओं को इस बात पर फोकस करना चाहिए। खासतौर पर जो महिलाएं पहले से ही ओवरवेटेड हैं उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए और दोपहर का खाना 3 बजे से पहले ही खा लेना चाहिए।
कौन सा व्यायाम करना चाहिए क्या खाएं क्या खाएं क्या न खाए
स्टडी के अनुासर जो, Harvard University द्वारा की गई है उसमें बताया गया है कि आप कितना हेल्दी खाते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है कि आप सही वक्त पर भोजन करते हैं या नहीं। इसका असर आपके बॉडी फैट पर पड़ता है। अगर आप सही समय पर डेली भोजन करती हैं तो यह आपकी circadian rhythms का बैलेंस रखता है। यह आपके मेटाबॉलिज्म रेट को भी तेज करता, जो आपकी बॉडी का वेट तेजी से घटाते हैं। अगर आप को सुबह का नाश्ता करना है तो आपका 6 AM से 10 AM बीच कर लेना चाहिए। वहीं दोपहर को भोजन आपको 12 PM से 3 PM के बीच करना चाहिए और रात का भोजन 5 PM से 7PM के बीच निपटा लेना चाहिए।
जल्दी वजन कम करने के उपाय
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डालें तेज चलने की आदत
वॉक करेने के कई फायदे हैं। चिकित्सक भी कहते हैं कि रोजाना 20 से 30 मिनट वॉक करने से बॉडी में मैजिकल बदलाव होते हैं। महिलाओं के लिए तो वक्त करना और भी अच्छा होता है। खासतौर पर अगर तेजी से चला जाए तो यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे आपका वजन तो घटेगा ही साथ ही आपको और भी कई लाभ होंगे। वेट कम करने के लिए तो यह एक अच्छी एक्सरसाइज है। इससे पूरी बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है। इससे फैट तेजी से बर्न होता है। बॉडी का पाचन बढ़ता है। दिमाग चुस्त-दुरुस्त होता है। बॉडी रिलैक्स होती है और अच्छा महसूस होता है। दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा भी तेजी से वॉक करने से कम होता है। इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
एक्सरसाइज
रोजाना कम-से-कम 20 लगातार जरूर चलना चाहिए। वैसे चलने की रफ्तार उम्र, लंबाई और जगह के मुताबिक अलग-अलग हो सकती है। लंबी महिलाएं ज्यादा तेज चल पाती हैं लेकिन जिन महिलाओं को चलने की आदत नहीं है, वे दो-तीन किमी से शुरू करके दूरी बढ़ा सकती हैं। पहले ही दिन ज्यादा चलना सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। 45-50 साल की उम्र में वॉकिंग शुरू करनेवाली महिलाओं 1-2 किमी से शुरुआत करनी चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी वॉक करना फायदेमंद होता है। अगर प्रेग्नेंट महिलए रोजाना 1-3 किमी सैर करती हैं तो यह उनके स्वास्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। ध्यान रखें कि पसीना आने तक वॉक करें, वरना वॉक करने का कोई फायदा नहीं होता है। मौसम अच्छा है तो हो सकता है पसीना न आए। सामान्य तौर पर सुबह के समय चलना हेल्थ के लिए अच्छा होता है। अगर आप सुबह नहीं वॉक कर पाती हैं तो आप शाम को भी वॉक कर सकती हैं। इससे वजन घटाने में आसानी होती है।
मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय मोटापा कम करने के लिए घरेलू उपाय
मोटापा कम करने के उपाय, घरेलू नुस्खे (Motapa Kam karne ke Upay, Gharelu nuskhe) 1 : नींबू
25 ग्राम नींबू के रस में 25 ग्राम शहद मिलाकर 100 ग्राम गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से मोटापा दूर होता है।
एक नींबू का रस प्रतिदिन सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मोटापे की बीमारी दूर होती है।।
1 नींबू का रस 250 ग्राम पानी में मिलाकर थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह-शाम 1-2 महीने तक पीएं। इससे मोटापा दूर होता है।
नींबू का 25 ग्राम रस और करेला का रस 15 ग्राम मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा नष्ट होता है।
250 ग्राम पानी में 25 ग्राम नींबू का रस और 20 ग्राम शहद मिलाकर 2 से 3 महीने तक सेवन करने से अधिक चर्बी नष्ट होती है।
1-1 कप गर्म पीनी प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। इसके सेवन से चर्बी कम होने के साथ-साथ गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन) एमोबाइसिस और कीड़े भी नष्ट होते हैं।
2 : सेब और गाजर
सेब और गाजर को बराबर मात्रा में कद्दूकस करके सुबह खाली पेट 200 ग्राम की मात्रा में खाने से वजन कम होता है और स्फूर्ति व सुन्दरता बढ़ती है। इसका सेवन करने के 2 घंटे बाद तक कुछ नहीं खाना चाहिए। 3 : मूली
मूली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के 100-150 ग्राम रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम और ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
क्या नहीं खाना चाहिए घरगुती उपाय
6 ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को 20 ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग 20 ग्राम शहद का शर्बत बनाकर 40 दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
4 : मिश्री
मिश्री, मोटी सौंफ और सुखा धनिया बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच सुबह पानी के साथ लेने से अधिक चर्बी कम होकर मोटापा दूर होता है।
5 : चूना
बिना बुझा चूना 15 ग्राम पीसकर 250 ग्राम देशी घी में मिलाकर कपड़े में छानकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम की मात्रा में चाटने से मोटापा कम होता है।
6 : सहजन
सहजन के पेड़ के पत्ते का रस 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का ढीलापन दूर होता है और चर्बी की अधिकता कम होती है।
7 : विजयसार
विजयसार के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
8 : अर्जुन
अर्जुन के 2 ग्राम चूर्ण को अग्निमथ के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है। 9 : भृंगराज
भृंगराज के पेड़ के ताजे पत्ते का रस 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ प्रयोग करने से मोटापा कम होता है। 10 : शहद
120 से 240 ग्राम शहद 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुना पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से शरीर का थुलथुलापन दूर होता है।
11 : विडंग
विडंग के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा में लाभ मिलता है।
वायविंडग, सोंठ, जवाक्षार, कांतिसार, जौ और आंवले का चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा में दूर होता है।
12 : तुलसी
तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है।
तुलसी के पत्तों के 10 ग्राम रस को 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है।
तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है। 13 : बेर
बेर के पत्तों को पानी में काफी समय तक उबालकर पीने से चर्बी नष्ट होती है। 14 : टमाटर
टमाटर और प्याज में थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर खाना खाने से पहले सलाद के रूप में खाने से भूख कम लगती है और मोटापा कम होता है। 15 : त्रिफला
रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।
त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
2 चम्मच त्रिफला को 1 गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण 1-1 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है। 16 : हरड़
हरड़ 500 ग्राम, 500 ग्राम सेंधानमक व 250 ग्राम कालानमक को पीसकर इसमें 20 ग्राम ग्वारपाठे का रस मिलाकर अच्छी तरह मिलाकर सूखा लें। यह 3 ग्राम की मात्रा में रात को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से मोटापे के रोग में लाभ मिलता है। 17 : सोंठ
सोंठ, जवाखार, कांतिसार, जौ और आंवला बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे मोटापे की बीमारी समाप्त हो जाती है।
सोंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, चव्य, सफेद जीरा, हींग, कालानमक और चीता बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह 6 ग्राम चूर्ण में गर्म पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है। 18 : गिलोय
गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है।
गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है।
गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है। 19 : जौ
जौ का रस व शहद को त्रिफले के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है। 20 : गुग्गुल
गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को अच्छी तरह एरण्ड के तेल में घोटकर रख लें। यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मोटापा की बीमारी ठीक होती है।
1 से 2 ग्राम शुद्ध गुग्गुल को गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से अधिक मोटापा कम होता है। 21 तिल
तिल के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से शरीर पर बनी हुई अधिक चर्बी कम होती है। 22 : सरसो
सरसो के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से मोटापा नष्ट होता है। 23 : दही
दही को खाने से मोटापा कम होता है। 24 छाछ
छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है। 25 आलू
आलू को उबालकर गर्म रेत में सेंकर खाने से मोटापा दूर होता है। 26 : अपामार्ग
अपामार्ग के बीजों को पानी में पकाकर खाने से भूख कम लगती है और चर्बी कम होने लगती है। 27 : कुल्थी
100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती है। 28 : पीपल
4 पीपल पीसकर आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है। 29 : पालक
पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है। 50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है। 30 : पानी
भोजन योग व्यायाम
भोजन से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीने से भूख का अधिक लगना कम होता है और शरीर की चर्बी घटने लगती है।
बासी ठंडे पानी में शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से मोटापा में लाभ मिलता है।
250 ग्राम गुनगुने पानी में 1 नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट पीना चाहिए। इससे अधिक चर्बी घटती है और त्वचा का ढीलापन दूर होता है। 31 डिकामाली
डिकामाली (एक तरह का गोंद) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में गर्म पानी के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापा कम होता है। 32 कूठ
कूठ को गुलाब जल में पीसकर पेट पर लेप करने से पेट की बढ़ती हुई अवस्था में लाभ होता है। इसका लेप हाथ, पांव पर लेप करने से सूजन कम होती है। 33 : माधवी
डाइट प्लान
माधवी के फूल की जड़ 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम छाछ के साथ सेवन करने से कमर पतली व सुडौल होता है। 34 बरना
बरना के पत्तों का साग नियामित रूप से सेवन करने से मोटापा दूर होता है। 35 : एरण्ड
एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
एरण्ड के पत्तों का रस हींग मिलाकर पीने और ऊपर से पका हुआ चावल खाने से अधिक चर्बी नष्ट होती है। 36 : पिप्पली
पिप्पली का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ प्रतिदिन 1 महीने तक सेवन करने से मोटापा समाप्त होता है।
पीप्पल 150 ग्राम और सेंधानमक 30 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर कूटकर 21 खुराक बना लें। यह दिन में एक बार सुबह खाली पेट छाछ के साथ सेवन करें। इससे वायु के कारण पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है।
पिप्पली के 1 से 2 दाने दूध में देर तक उबाल लें और दूध से पिप्पली निकालकर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मोटापा कम होता है। 37 जौखार
जौखार 35 ग्राम और चित्रकमूल 175 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। यह 5 ग्राम चूर्ण एक नींबू का रस, शहद और 250 ग्राम गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लगातार 40 दिनों तक पीएं। इससे शरीर की फालतू चर्बी समाप्त हो जाती है और शरीर सुडौल होता है।
जौखार का चूर्ण आधा-आधा ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से मोटापा दूर होता है। 38 लुके मगसूल
डाइट चार्ट
50 ग्राम लुके मगसूल को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ सेवन करें। इससे मोटापा दूर होता है। 39 माजून मुहज्जिल
माजून मुहज्जिल 10 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ रात को सोते समय पीने से पेट का बढ़ना कम होता है। 40 बबूल
बबूल के पत्तों को पानी के साथ पीसकर शरीर पर करने से त्वचा का ढीलापन दूर होकर मोटापा कम होता है। 41 अनन्नास
जीरे का उपयोग
प्रतिदिन अनन्नास खाने से स्थूलता नष्ट होती है क्योंकि अनन्नास चर्बी को नष्ट करता है। 42 चित्रक
चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से पेट की बीमारियां और मोटापा समाप्त होता है। 43 बेल
बेल के पत्ते और हरड़ बारीक पीसकर लगाने से मोटापा दूर होता है। 44 : परवल
परवल और चीते का काढ़ा बनाकर सौंफ और हींग का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है। 45 ईसबगोल
ईसबगोल के नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है और शरीर में अधिक चर्बी नहीं बनती। 46 रस
फलों का रस बहुत उपयोगी है। मोटापा कम करने के लिए 6 से 8 महीने तक फलों का रस लेना लाभदायक होता है। इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्परिणामों का सामना नहीं करना पड़ता। फलों का रस कैलोरी को कम करता है जिससे स्वभाविक रूप से वसा कम हो जाती है। इससे शरीर का वजन और मोटापा कम होता है। गाजर, ककड़ी, पत्तागोभी, टमाटर, तरबूज, सेब व प्याज का रस फायदेमंद होता है।
47 असगंध
असगंध 50 ग्राम, मूसली 50 ग्राम और काली मूसली 50 की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और 10 ग्राम की मात्रा में सुबह दूध के साथ लेने से मोटापे की बीमारी समाप्त होती है। 48 अजवायन
अजवायन 20 ग्राम, सेंधानमक 20 ग्राम, जीरा 20 ग्राम और कालीमिर्च 20 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीएं। इससे शरीर की अधिक चर्बी नष्ट होती है। 49 करेला
करेले के रस में 1 नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर की चर्बी कम होती है। 50 चावल
चावल का गर्म-गर्म मांड लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
वजन कम करने का उपाय तरीका वजन कम करने के सबसे उत्तम उपाय वजन कम करें वजन कम कैसे करे
३-४ िविजट मसाधारण RCT का खचRs3500/-
िसंगल िविजट RCT (RCT in 30 Minutes ) का खचRs 5500 /-
ाउन या कैप – Rs 1200/-
रूट कैनाल के घरेलू उपचार
रूट कैनाल के नुकसान
दांत दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाने पर मरीज को पता चलता है कि साधारण बातों का ध्यान रखकर व ब्रशिंग का सही तरीका अपनाकर कैसे दांतों को खोखला करने वाली कैविटी की समस्या व इसके रूट रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) से बचा जा सकता है। दांतों की सफाई में लापरवाही से जुड़ी यह परेशानी बचपन से बुढ़ापे तक किसी को भी हो सकती है।
इनेमल पर जमा भोजन करता जड़ को खोखला
दांतों की ऊपरी परत इनेमल पर भोजन का अंश चिपका रह जाता है और सही ब्रशिंग न होने से जमता व सड़ता जाता है। ध्यान न देने से यह संक्रमण दांतों की जड़़ों को खोखला कर व नसों पर दबाव डाल तेज दर्द का रूप ले लेता है।
गोली से भी दर्द नहीं मिटता
दांतों की बाहरी सतह पर कैविटी से कोई परेशानी नहीं होती लेकिन अंदर की जड़ तक पहुंचने के बाद भयंकर दर्द होता है। इस स्थिति में पेनकिलर दवाएं भी दर्द दूर नहीं कर पातीं। ठंडा, गर्म, मीठा और खट्टी चीजें इस दर्द को बढ़ाती हैं। सूजन के साथ पस की समस्या भी हो सकती है। गंभीर स्थिति में दांतों की हड्डियां भी गल सकती हैं।
बचाव: दोनों टाइम ब्रश व कुल्ला करें
सुबह-शाम नियमित रूप से ब्रश करके दांतों पर गंदगी जमने की समस्या से बचा जा सकता है। दांतों पर चिपकने वाली व मीठी चीजें और भोजन के बाद कुल्ला भी करना चाहिए। दवाएं व बिस्किट खाने के बाद भी कुल्ला करें। इलाज :
फिलिंग से रूट कैनाल तक
दांतों की बाहरी सतह की कैविटी के लिए फिलिंग की जाती है। इंफेक्शन होने पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाता है। जिसमें रोग के फैलाव के अनुसार एक या उससे ज्यादा बार सिटिंग दी जाती है। मोलर-प्री-मोलर (दाढ़) की कैविटी में इलाज के बाद कैप लगाई जाती है ताकि खाने से दांत को नुकसान न पहुंचे।
हिंदी में रूट कैनाल उपचार के बाद साइड इफेक्ट | रूट कैनाल के बाद दांत दर्द महीने |
ब्रशिंग टेक्नीक
मसूढ़ों पर ब्रश को ऊपर-नीचे व गोल घुमाएं। हर दांत पर इसे दोहराएं। दांतों की पीछे की तरफ दाढ़ पर सीधा ब्रश करें। बत्तीसी के बीच वाले ऊपर व नीचे को दांतों को साफ करने के लिए ब्रश के टिप को आगे-पीछे कर ब्रश करें। दांत साफ करने के बाद टंग क्लीनर से जीभ को साफ करना न भूलें। यह मुंंह में दुर्गंध व दांतों को सडऩे से रोकती है।
रूट कैनाल के बाद दर्द | Root Canal Ke Bad Dard |
रूट कैनाल ट्रीटमेंट स्टेप-१
दांत या आसपास के प्रभावित हिस्से को सुन्न करते हैं। दांत के क्राउन में ड्रिल से छेद कर या पहले से छेद को चौड़ा कर पल्प तक रास्ता बनाया जाता है।
स्टेप-2
स्पेशल एंडोडॉन्टिक फाइल से संक्रमित पल्प को बाहर निकालकर दांत को अंदर से साफ कर दिया जाता है ताकि फिलिंग की जा सके।
स्टेप-3
पल्प वाली जगह व ऊपरी खाली स्थान में फिलिंग करते हैं। इससे दांतों में संक्रमण व खाद्य पदार्थ जमने का खतरा कम हो जाता है।
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स्टेप-4
अंत में इस दांत पर क्राउन (कैप) लगा दिया जाता है जो दांत या अन्य मेटल के रंग का भी हो सकता है। इसे फिलिंग मैटीरियल से जोड़ दिया है।
ध्यान रखें
बचाव के तौर पर मीठी व चिपचिपी चीजों को खाने से परहेज करें। हर तीन माह में ब्रश बदलें और दिन में कम से कम दो
बार सही से ब्रश करें। छह माह में डेंटल चेकअप जरूरी है।
रूट कैनाल के बाद कैपिंग crown-after-root-canal-in-hindi
रूट कैनाल ट्रीटमेंट पूरा करने के बाद, आपके दांत को कैपिंग की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपके प्राकृतिक क्राउन को नुकसान बहुत कम होता है, तो आपके डॉक्टर दांत के नुकसान वाले भाग को भरने के लिए सामने वाले दांतों में दांत के रंग की भरने वाली सामग्री का उपयोग करते हैं और पीछे के दांतों में दांतों की रंग की या सिल्वर रंग की सामग्री का उपयोग करते हैं।
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हालांकि, अगर क्षति मध्यम से गंभीर है, तो कैपिंग करना आवश्यक होता है। कैपिंग या क्राउन प्लेसमेंट से जिस दांत का इलाज किया गया है उसको सहारा और मजबूती मिलती है। क्राउन के विभिन्न प्रकार उपलब्ध हैं और आपको अपने दाँत के लिए सबसे उपयुक्त क्राउन का चुनाव करने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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इस प्रक्रिया में, आपके दांत की चौड़ाई और ऊंचाई को एक बिजली से संचालित डिवाइस का उपयोग करके थोड़ा सा कम किया जाता है, इस डिवाइस में पानी का स्प्रे भी लगा हुआ होता है। आकार में यह कमी (जिसे क्राऊन काटने के रूप में जाना जाता है) नए क्राऊन को फिट करने की जगह बनाने के लिए की जाती है।
दांत काटने से पहले और बाद में, आपके डॉक्टर आपके क्राउन का एक साँचा बनाने के लिए दांत की एक प्रतिकृति लेते हैं जिससे आपका नया क्राउन आपके प्राकृतिक दांत के जैसा दिखता है। क्राउन एक दांतों की लेब में बनाया जाता है और आपके प्राकृतिक दांतों के आकार और रंग से मेल खाता है। एक प्रकार की सीमेंट का उपयोग करके, यह क्राउन कटे हुए दांत पर चिपका दिया जाता है।
रूट कैनाल के बाद दांत दर्द महीने | रूट कैनाल के बाद दांत दर्द
जब समय रहते एक छोटी सी गुहा का इलाज नहीं किया जाता है, तो दांत बुरी तरह से क्षय हो जाता है. जिसमें सामान्य भरने से समस्या हल नहीं हो सकती है. ऐसे मामलों में आपका दंत चिकित्सक शायद आपको रूट कैनाल से गुजरने की सलाह देगा. रूट कैनाल का प्रदर्शन करते समय, दंत चिकित्सक दांत के अंदर नसों और लुगदी को हटा देगा, दाँत के अंदर साफ करेगा और इसे सील कर देगा. इस प्रक्रिया के बाद आपके दांत की कुछ भी समझ नहीं होगी और दर्द मुक्त होना चाहिए.
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हालांकि, कुछ मामलों में आप अभी भी रूट कैनाल के बाद दर्द का अनुभव कर सकते हैं और इस दर्द के चार मुख्य कारण हैं:
दाँत के चारों ओर अस्थिबंधन की सूजन: जड़ की सूजन की आवश्यकता वाले संकेतों में से एक मसूड़ों की सूजन है. दाँत के भीतर नसों और लुगदी के बाद भी संक्रमित दांत के आसपास के अस्थिबंधन अभी भी सूजन हो सकते हैं. ऊतक सामान्य होने से पहले इसमें कुछ समय लग सकता है. ज्यादातर मामलों में रूट कैनाल प्रक्रिया के बाद दर्द का कारण होता है.
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क्षतिग्रस्त ऊतक: रूट कैनाल की प्रक्रिया का हिस्सा दाँत के अंदरूनी साफ करना है. दंत चिकित्सक दांत से आगे नहीं जाने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए. कुछ मामलों में दांत को साफ करने के लिए उपयोग की जाने वाली फ़ाइल रूट से परे जा सकती है और वहां ऊतक को नुकसान पहुंचा सकती है. एक और संभावना यह है कि दांत भरने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सीलेंट रूट से परे जा सकता है. इस प्रकार ऊतक को बढ़ाता है. इसे ठीक करने में कुछ समय लग सकता है और दर्द हो सकता है.
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अतिरिक्त भरना: दाँत को साफ करने के बाद, दंत चिकित्सक दांत को एक सीलेंट से भर देता है. यदि दाँत में अत्यधिक सीलेंट भर जाता है, तो यह आसपास के दांतों से लंबा हो सकता है, जो दांत पर अतिरिक्त दबाव डालता है और परिणामस्वरूप दर्द और दर्द होता है. इस मुद्दे को हल करने के लिए दंत चिकित्सक को अतिरिक्त सीलेंट को हटाना होगा.
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फैंटम दर्द: जब रूट कैनाल की बात आती है तो फैंटम दर्द दुर्लभ होता है. यह तब होता है जब दाँत तक पहुंचने वाली तंत्रिका तब भी व्यवहार करती है जैसे दाँत से पूरी तरह से हटाए जाने के बावजूद दांत से जुड़ा हुआ था. इस मुद्दे को हल करने के लिए परिधीय नसों का इलाज करने की आवश्यकता होगी.
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ज्यादातर मामलों में इन घटनाओं को रोका नहीं जा सकता है. यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि यह आपकी रूट कैनाल का एक लक्षण है जो विफलता है. अपने दंत चिकित्सक और ब्रश के संपर्क में रहें और अपने दांतों को नियमित रूप से फ़्लॉस करें. आपको जल्द ही दर्द कम महसूस होने लगेगा.
crown-after-root-canal-in-hindi हिंदी में रूट कैनाल उपचार के बाद साइड इफेक्ट
रूट कैनाल ट्रीटमेंट के आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ व्यक्तियों को कभी-कभी साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं का अनुभव हो सकता है जो निम्नलिखित हैं -
आपको लंबे समय तक दांत में हल्के दर्द का अनुभव हो सकता है। यह आमतौर पर उन मामलों में होता है, जहां संक्रमण पहले जबड़े की हड्डी में भी था।
कभी-कभी, रूट कैनाल का जीवाणु उपचार के दौरान उपयोग की जाने वाली कीटाणुनाशकों के खिलाफ बहुत प्रतिरोधी होता है। इसलिए, वे या तो मरते नहीं हैं या लंबे समय तक निष्क्रिय रहते हैं और इलाज के कुछ समय बाद दांत में संक्रमण को फिर से शुरू कर देते हैं।
जब दुबारा होने वाला संक्रमण गंभीर हो जाता है, तो आपका उपचार असफल हो सकता है और आपको फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
रक्त आपूर्ति बंद होने के कारण इलाज के बाद आपका दाँत नाजुक हो जाता है। नतीजतन, कुछ मामलों में जब आप किसी मजबूत चीज को दांतों से काटते हैं, तो आपका दाँत टूट सकता है या फ्रैक्चर हो सकता है।
उपचार के बाद दांतों की नियमित सफाई करें और समय-समय पर अपने डेंटिस्ट से जाँच करवाते रहे, इससे आपके दांत की लाइफ बड़ाई जा सकती हैं।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट
रूट कैनाल का खर्च 2021 Root Canal cost in india in hindi
रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लागत आपके द्वारा इलाज के लिए चुनी गयी जगह और दांतों के डॉक्टर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। एक विशेषज्ञ या रूट कैनाल ट्रीटमेंट में विशेषज्ञता प्राप्त दंत चिकित्सक (एंडोडोंटिस्ट) एक सामान्य दंत चिकित्सक से अधिक चार्ज कर सकता है।
आपके नए क्राऊन की लागत को छोड़कर उपचार लागत 4000-16000 रुपये तक हो सकती है। कैपिंग की लागत उस सामग्री के प्रकार जिससे आपका क्राउन बनाया जाता है और दंत चिकित्सक की विशेषज्ञता पर निर्भर करती है। यह आमतौर पर 2500 रुपये से शुरू होती है।
हालांकि, निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की तुलना में सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लागत बहुत कम होती है।
Root Canal ke bad dard in hindi रूट कैनाल ट्रीटमेंट स्टेप्स
आपके दांतों में पाया जाने वाला पल्प एक जटिल ऊतक है। कभी-कभी, आपको एनेस्थीसिया देने के बाद भी दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसा तब होता है जब पूरा पल्प मरा न हो। इनमें से कुछ हिस्सा जीवित रह सकता है जो सुन्न नहीं होता है, क्योंकि एनेस्थीसिया वहाँ तक नहीं पहुँच पाता है।
कई बार, दांत में पल्प के ऊतक एनेस्थीसिया के लिए प्रतिरोधी का काम कर सकते हैं। एनेस्थीसिया के दो इंजेक्शन के बाद भी इस तरह के दाँत को सुन्न नहीं किया जा सकता है। इस दांत को “गर्म दांत” (हॉट टूथ) के रूप में जाना जाता है।
यदि जबड़े की हड्डी में पस (एक दांत का फोड़ा) बन जाता है, तो यह भी दाँत की नसों पर एनेस्थीसिया के असर को बाधित करता है। इसलिए भी आपको दर्द महसूस हो सकता है।
उपचार पूरा होने के बाद, आप थोड़ी देर के लिए दर्द का अनुभव कर सकते हैं। यह किसी भी उपचार के बाद शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया होती है। इसके बारे में चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है। समय पर अपनी दवाएं लें और अपने दांतों के डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
इलाज के बाद दर्द आमतौर पर एक से दो सप्ताह में कम हो जाता है। यदि यह इलाज के पंद्रह दिनों के बाद भी नहीं जाता है, तो आगे के चेक-अप के लिए अपने डॉक्टर के पास वापस जाएं।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट वीडियो | रूट कैनाल ट्रीटमेंट कैसे होता है
रूट कैनाल के घरेलू उपचार
क्या आप रूट कैनाल (दांतों के बीच में छेद होना ) के तेज दर्द से परेशान हैं? आपने अनेकों उपचार किया पर सब बेअसर? आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है, हम आपको बता रहे हैं रूट कैनाल की समस्या से निजात पाने के कुछ घरेलू उपचार जिनसे यह हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा। क्या आप और जानना चाहते हैं? आगे पढ़ें...
रूट कैनाल के कारण
रूट कैनाल से तात्पर्य दांतों के बीच में छेद हो जाने से है। दाँत को खराब होने से बचाने के लिए डेन्टिस्ट से इसका समय पर इलाज करवाना चाहिए। इसके अनेक कारण हैं, इसका सबसे मुख्य कारण है कोई ठोस चीज खाते समय दाँत में फ़ेक्चर हो जाना।
दाँत टूटता है जब इसके बीच में भरी धातु सिकुड़ जाती है या गूदे वाले भाग (पल्प चैंबर) नष्ट हो जाता है और यह रूट कैनाल का कारण बनता है।
आब आप जान गए हैं कि रूट कैनाल क्या है और कैसे होता है तो अब आगे पढ़ें और जाने कि इससे होने वाले तेज दर्द से कैसे निजात पा सकते हैं।
बर्फ का पैक
यह नुस्खा कई सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है और यह कारगर है। बर्फ के पैक को दर्द वाली जगह पर रख दें यह इस जगह को सुन्न कर देगा जिससे दर्द कम हो जाएगा। ध्यान रखें कि आप बर्फ को एक जगह पर 10 मिनट से ज्यादा नहीं रखें।
रूट कैनाल के बाद सूजन
तरल आहार
जब आपको दाँत में दर्द होता है तो आपको तरल आहार खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में संतरे और गाजर का जूस ज्यादा से ज्यादा लें। फिर भी जूस ज्यादा ठंडा नहीं हो नहीं तो यह झनझनाहट पैदा करेगा।
साधारण नमक
गुनगुने पानी में एक टेबलस्पून नमक डालकर मिला लें और दिन में कम से कम दो बार गरारे और कुल्ला करें। पानी को थूकने से पहले प्रभावित जगह पर थोड़ी देर जरूर रखें।
एल्कोहल
एल्कोहल वाले पेय जैसे बीयर या व्हिस्की से कुल्ला करना भी इसमें फायदेमंद है। इससे न केवल इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा मिलेगा बल्कि यह उस जगह को भी सुन्न कर देगा और आपको दर्द में आराम मिलेगा।
चाय की पेड़ का ऑयल
यह कील मुहासों समेत कई चीजों के इलाज में कारगर है। यह ऑयल रूट कैनाल के दर्द में मददगार है। इसकी कुछ बूंदे गुनगुने पानी में मिला लें और इसे कुछ देर के लिए मुह में रखें। यह दर्द को कम कर देगा।
खीरा
खीरा भी आपको दर्द में आराम पहुंचा सकता है। ताजे खीरे के टुकड़े को काटें और दर्द वाली जगह पर रख लें। खीरा ठंड करेगा और दर्द में आराम पहुंचाएगा।
जैतून का तेल
रूई को जैतून के तेल में भिगो कर दर्द वाले दाँत पर लगाएँ। इससे दर्द से छुटकारा मिलेगा। जैतून के तेल में एंटी-इन्फ़्लामेटरी तत्व होते हैं जो कि दर्द को और सूजन को कम कर देता है।
लौंग का तेल
लौंग में एंटी-इन्फ़्लामेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं, दर्द वाले दाँत पर इसे लगाएँ।
प्याज या लहसुन का तेल
लहसुन एक एंटीबायोटिक औषधि है और प्याज एक एंटीसेप्टिक औषधि। प्याज या लहसुन को चबाने से भी रूट कैनाल के दर्द से छुटकारा मिलता है।
हींग
यह भी रूट कैनाल में कारगर औषधि है। 2 टी स्पून नींबू के रस में थोड़ा हींग मिला लें। इस मिश्रण को थोड़ा गरम कर लें और रूई इसे रूई से प्रभावित जगह पर लगाएँ।